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Essay on Diwali in Hindi

Essay on Diwali in Hindi for class 5, 120 words दिवाली पर निबंध Short Essay on Diwali in Hindi Essay on Deepawali दीपावली पर निबंध हिंदी में 

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दिवाली – प्रकाश का पर्व

दिवाली हिंदू धर्म का सबसे पवित्र त्योहार है। यह हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। दिवाली को प्रकाश का पर्व भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन लोग अपने घरों और दुकानों को दीयों, मोमबत्तियों और बिजली के झालरों से सजाते हैं।

दिवाली का त्योहार भगवान राम के 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। भगवान राम ने रावण को हराकर बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक स्थापित किया था। दिवाली के दिन लोग भगवान राम, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं।

दिवाली की तैयारियां कुछ दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं। लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं और उन्हें रंग-रोगन करते हैं। नए कपड़े खरीदते हैं और मिठाइयां बनाते हैं। दिवाली की रात को लोग अपने घरों के बाहर रंगोली बनाते हैं और दीये जलाते हैं।

दिवाली का त्योहार भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के हिंदू धर्म के लोग मनाते हैं। यह त्योहार खुशी, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है।

दिवाली के कुछ सुरक्षा उपाय

  • दिवाली के दौरान पटाखे जलाते समय सावधानी बरतें।
  • बच्चों को पटाखों से दूर रखें।
  • दीये और मोमबत्तियां जलाते समय सावधानी बरतें।
  • बिजली के झालरों को सावधानी से लगाएं।
  • आग से सावधान रहें।

दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं!

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दिवाली पर निबंध, Essay on Diwali in Hindi for class 5 100 words

दिवाली का त्यौहार

दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद लंका पर विजय प्राप्त कर सीता माता और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या लौटे थे। अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में दीप जलाए थे। तब से दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है।

दिवाली का त्यौहार प्रकाश का प्रतीक है। इस दिन घरों, दुकानों और मंदिरों को दीयों, मोमबत्तियों और रंगीन रोशनी से सजाया जाता है। लोग फटाके जलाते हैं और मिठाइयाँ बाँटते हैं।

दिवाली से पहले लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं और नए कपड़े खरीदते हैं। इस दिन लोग माँ लक्ष्मी की पूजा करते हैं, क्योंकि माँ लक्ष्मी धन और समृद्धि की देवी हैं।

दिवाली का त्यौहार पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार हमें बुराई पर अच्छाई की जीत की याद दिलाता है। यह हमें यह भी सिखाता है कि हमें हमेशा सच्चाई और न्याय के पक्ष में खड़ा होना चाहिए।

  • प्रकाश का प्रतीक
  • घरों, दुकानों और मंदिरों को सजाना
  • फटाके जलाना
  • मिठाइयाँ बाँटना
  • घरों की साफ-सफाई करना
  • नए कपड़े खरीदना
  • माँ लक्ष्मी की पूजा करना
  • धन और समृद्धि की देवी
  • पूरे भारत में
  • बुराई पर अच्छाई की जीत
  • सच्चाई और न्याय के पक्ष में खड़ा होना

Short Essay on Diwali in Hindi

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दिवाली: प्रकाश का उत्सव

दिवाली भारत का सबसे बड़ा और सबसे लोकप्रिय त्योहार है। यह हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाया जाता है। दिवाली को प्रकाश का उत्सव कहा जाता है, क्योंकि इस दिन लोग अपने घरों और दुकानों को दीयों और लालटेन से जगमगाते हैं।

दिवाली मनाने के कई कारण हैं। कुछ लोगों के लिए, यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। अन्य लोगों के लिए, यह लक्ष्मी, धन की देवी की पूजा करने का समय है। फिर भी दूसरों के लिए, यह परिवार और दोस्तों के साथ आने और एक साथ समय बिताने का समय है।

दिवाली की तैयारियां कुछ हफ्ते पहले ही शुरू हो जाती हैं। लोग अपने घरों को साफ करते हैं, नए कपड़े खरीदते हैं, और मिठाइयाँ बनाते हैं। दिवाली की रात को, लोग अपने घरों के बाहर रंगीन रंगोली बनाते हैं और दीये जलाते हैं। वे लक्ष्मी की पूजा करते हैं और उन्हें भोजन और मिठाइयाँ अर्पित करते हैं।

दिवाली के अगले दिन, जिसे गोवर्धन पूजा के रूप में जाना जाता है, लोग गायों की पूजा करते हैं। गायों को हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है और यह माना जाता है कि वे समृद्धि और सौभाग्य लाती हैं।

दिवाली का पर्व पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह एक ऐसा समय है जब लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ एकत्र होते हैं और खुशी और समृद्धि का जश्न मनाते हैं।

essay on diwali in hindi 120 words

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में

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दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) - दिवाली... ये शब्द सामने आते ही रोशनी से जगमग घर, शहर की तस्वीर दिमाग में आ जाती है। दिवाली हर भारतीय के लिए अपनों से जुड़े होने और अच्छाई करने की प्रेरणा देने वाला महापर्व है। दिवाली हमारे देश भारत के सबसे लोकप्रिय व महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। दिवाली को दीपावली भी कहते हैं। दीपावली को प्रकाश का पर्व कहा जाता है। दीपावली अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है जो हमारे देश की संस्कृति, सामाजिकता और सौहार्द्र को वैश्विक स्तर पर दर्शाता है। दीपावली के अवसर पर पांच दिनों तक दीपोत्सव मनाया जाता है जिसका समापन भाई दूज के बाद होता है। देश ही नहीं विश्वभर में मौजूद भारतीय मूल के लोग इस त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं। गुरु नानक जयंती पर निबंध | पीएम इंटर्नशिप योजना

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - प्रस्तावना (Introduction)

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में

इस महापर्व को मनाने के पीछे कई मान्यताएं हैं। सबसे प्रमुख मान्यता भगवान राम द्वारा 14 वर्ष वनवास से अध्योध्या आगमन की है। इस वनवास के दौरान प्रभु श्रीराम द्वारा माता सीता को हर कर ले जाने वाले अहंकारी रावण पर विजय प्राप्त करने की खुशी भी शामिल है। दिवाली का त्योहार यह संदेश भी देता है कि बुराई चाहे रावण जैसी बलवान और बुद्धिवान क्यों न हो, उसका एक दिन अंत होकर ही रहता है। बुराई का साथ देने वाले भले इंद्रजीत, कुंभकर्ण जैसे महाबली क्यों न हों उनका भी विनाश होना तय है। अपने पूज्य राम के रावण के विजय और वनवास समाप्त कर अयोध्या वापसी की खुशी में अयोध्यावासियों ने धूमधाम और हर्ष-उल्लास के साथ सजावट और तैयारियांं कर इस दिन को उत्सव की तरह मनाया तब से हर साल इस दिन यानी कार्तिक अमावस्या को दीपावली का उत्सव मनाया जाता है।

दिवाली त्योहार तथा इसकी खूबियों से छात्रों को परिचित कराने के लिए छोटी कक्षाओं में दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) का प्रश्न हिंदी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पूछा जाता है। इस हिंदी दिवाली निबंध (Diwali Essay in Hindi) से उन युवा शिक्षार्थियों को फायदा मिलेगा जो दीपावाली त्योहार पर हिंदी में निबंध (Diwali Essay in Hindi) लिखना चाहते हैं। साथ ही उन्हे Diwali 2025 kab hai के बारे में जानकारी भी प्राप्त होगी। हमने नीचे दिए गए निबंध में शुभ दिवाली त्योहार (Happy Diwali Festival in Hindi) के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने का एक छोटा-सा प्रयास किया है। बच्चे दिवाली पर हिंदी के इस निबंध (Diwali Essay in Hindi) से सीखकर लाभ उठा सकते हैं तथा वाक्य कैसे बनाए एवं किन बातों को दीपावली निबंध में जगह दी जाए, जैसी बातों को समझने के साथ ही अपने हिंदी लेखन कौशल को भी बेहतर बना सकते हैं।

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ये भी पढ़ें: राष्ट्रीय खेल दिवस | गुरु नानक जयंती पर निबंध

दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय व महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बड़े ही उत्साहपूर्वक और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बच्चों को दिवाली पर निबंध (diwali par nibandh) लिखकर त्योहार के बारे में अपने आनंदमय अनुभव साझा करने का अवसर मिलता है। युवा आम तौर पर इस त्योहार को बहुत पसंद करते हैं क्योंकि यह सभी के लिए ढेर सारी खुशियाँ और उल्लास के पल लेकर आता है। अपने घर-परिवार से दूर अन्य प्रदेश, विदेश में रहकर रोजगार करने लोग भी इस समय अपने घर-परिवार के साथ दिवाली मनाने के लिए लंबी यात्रा कर अपनों के बीच आते हैं और अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं तथा अपने प्रियजनों के साथ दिवाली शुभकामनाएं (Happy Diwali wishes in Hindi) और उपहार साझा करते हैं।

दिवाली पर निबंध (diwali par nibandh in hindi)

अधिकतर लोग इस दौरान ऑनलाइन साल 2025 में दिवाली कब है, ढूंढते रहते हैं (What is the real date of Diwali in 2025?)। ऐसे में आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्ष 2025 में दिवाली 21 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन विशेष रूप से धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। छात्र इस लेख में नीचे दिए गए दिवाली त्योहार पर निबंध (Essay of Diwali Festival) की जांच कर सकते हैं और दिवाली त्योहार के बारे में अपने व्यक्तिगत अनुभव व्यक्त करने या साझा करने के लिए इस विषय पर कुछ पंक्तियां लिखने का प्रयास कर सकते हैं। बच्चों को कक्षा मे दीपावली पर निबंध (dipawali per nibandh) लिखने को कहा जाता है। दिवाली पर निबंध (diwali par nibandh) लिखने के लिए आपको इस लेख से मदद मिलेगी।

दिवाली के पावन अवसर पर धन की देवी माँ लक्ष्मी, विघ्नहर्ता गणेश जी व कुबेर जी की विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व माना गया है। लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में करने को सर्वाधिक फलदायक माना जाता है। इसके अलावा प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन विशेष फलदायक होता है। ऐसी मान्यता है कि स्थिर लग्न में की गई अपनी पूजा-आराधना से प्रसन्न होकर माता लक्ष्मी आराधक के घर में निवास करने लगती हैं। इस समय अधिकतर लोग ये जानना चाहते हैं कि Diwali 2025 kab hai। वर्ष 2025 में दीपावली का पर्व 21 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दीवाली 2025 में पूजा मुहूर्त

  • लक्ष्मी पूजा मुहूर्त - शाम 07:08 से रात 08:18 बजे तक
  • अवधि - 01 घण्टा 11 मिनट्स
  • प्रदोष काल - शाम 05:46 से रात 08:18 बजे तक
  • वृषभ काल - शाम 07:08 से रात 09:03 बजे तक
  • अमावस्या तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 20, 2025 को शाम 03:44 बजे
  • अमावस्या तिथि समाप्त - अक्टूबर 21, 2025 को शाम 05:54 बजे

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  • रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त
  • हिंदी दिवस पर भाषण
  • इंजीनियर कैसे बन सकते हैं?

यहां बच्चों के लिए दिवाली पर हिंदी में निबंध (diwali par nibandh in hindi) दिया गया है, जिसकी मदद दीपावली पर निबंध (deepavali par nibandh) लिखते समय ली जा सकती है:

दीपावली का अर्थ: दिवाली जिसे "दीपावली" के नाम से भी जाना जाता है, भारत और दुनिया भर में रहने वाले हिंदुओं के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। ‘दीपावली' संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ का अर्थ होता है ‘दीपक’ तथा ‘आवली’ का अर्थ होता है ‘शृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपों की शृंखला या दीपों की पंक्ति। दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार दुनिया भर के लोगों द्वारा बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। हालांकि इसे हिंदू त्योहार माना जाता है, लेकिन विभिन्न समुदायों के लोग भी पटाखे और आतिशबाजी के जरिए इस उज्ज्वल त्योहार को मनाते हैं।

दीपावली त्योहार की तैयारी: दीपावली त्योहार की तैयारियां दिवाली से कई दिनों पहले ही आरंभ हो जाती है। दीपावली के कई दिनों पहले से ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई व रंगाई-पुताई करने में जुट जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो घर साफ-सुथरे होते हैं, उन घरों में दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी विराजमान होती हैं तथा अपना आशिर्वाद प्रदान करके वहां सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी करती हैं। दिवाली के नजदीक आते ही लोग अपने घरों को दीपक और तरह-तरह के लाइट्स से सजाना शुरू कर देते हैं।

दिवाली में पटाखों का महत्व: दीपावली को "रोशनी का त्योहार - प्रकाश पर्व" कहा जाता है। इस दिन लोग मिट्टी के बने दीपक जलाते हैं और अपने घरों को विभिन्न रंगों और प्रकारों की रोशनी से सजाते हैं, जिसे देखकर कोई भी मंत्रमुग्ध हो सकता है। इस पर्व में बच्चों को पटाखे जलाना और विभिन्न तरह के आतिशबाजी जैसे फुलझड़ियां, रॉकेट, फव्वारे, चक्री आदि बहुत पसंद होते हैं।

महत्वपूर्ण लेख:

  • बिहार बोर्ड 10वीं टाइमटेबल देखें
  • छत्तीसगढ़ बोर्ड 10वीं टाइम टेबल
  • एमपी बोर्ड 12वीं टाईमटेबल देखें
  • एमपी बोर्ड 10वीं टाईमटेबल देखें

दिवाली का इतिहास : हिंदू मान्यताओं के अनुसार, दिवाली के दिन ही भगवान श्री राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण और उनके उत्साही भक्त हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे, अमावस्या की रात होने के कारण दिवाली के दिन काफी अंधेरा होता है, जिस वजह से उस दिन पूरे अयोध्या को दीपों और फूलों से भगवान श्री राम चंद्र के लिए सजाया गया था, ताकि भगवान राम के आगमन में कोई परेशानी न हो, तब से लेकर आज तक इसे दीपों का त्योहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है।

इस शुभ अवसर पर, बाजारों में भगवान गणेश जी, लक्ष्मी जी, राम जी आदि की मूर्तियों की खरीदारी की जाती है। इस दौरान बाजारों में खूब चहल-पहल होती है। लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते है। हिंदुओं द्वारा देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है, क्योंकि व्यापारी दिवाली के पर्व पर नए बहीखाते की शुरुआत करते हैं। साथ ही, लोगों का मानना है कि यह खूबसूरत त्योहार सभी के लिए धन, समृद्धि और सफलता लाता है। लोग दिवाली के त्योहार के अवसर पर अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए तत्पर रहते हैं।

दीपवाली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां

दीपावाली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व के पावन अवसर पर भी कुछ असामाजिक तत्व अपने बुरी आदत जैसे शराब का सेवन, जुआ खेलना, टोना-टोटका करना और पटाखों के गलत इस्तेमाल से इसे ख़राब करने में जुटे रहते हैं। अगर समाज में दीपावाली के दिन इन कुरीतियों को दूर रखा जाए तो दिवाली का पर्व वास्तव में शुभ दीपावली हो जाएगा।

अन्य महत्वपूर्ण लेख :

  • 10वीं के बाद किए जाने वाले लोकप्रिय कोर्स
  • 12वीं के बाद किए जा सकने वाले लोकप्रिय कोर्स और कॅरियर विकल्प जानें।
  • दीपावली का त्योहार लगभग 5 दिनों का होता है। जिस के पहले दिन धनतेरस होता है। धनतेरस के दिन लोग धातु की वस्तुएं जैसे सोने और चांदी के आभूषण को खरीद कर अपने घर जरूर लेकर जाते हैं।
  • दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। कुछ लोग इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं।
  • तीसरा दिन दीपावली त्योहार का मुख्य दिन होता है। इस दिन देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • दीपावली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था।
  • दिवाली के त्योहार के आखिरी दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है।

ये भी देखें :

  • हिंदी में निबंध- भाषा कौशल, लिखने का तरीका जानें
  • दशहरा पर निबंध

दीपावली पर निबंध (dipawali per nibandh) 150 शब्द (कक्षा 4 और 5 के छात्रों के लिए)

दिवाली पर निबंध (diwali nibandh in hindi) कक्षा 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में उपयुक्त हैं।

दिवाली पर निबंध हर साल परीक्षाओं में आने वाले सबसे महत्वपूर्ण निबंधों में से एक है। दिवाली, रोशनी का त्योहार है। यह हिंदू धर्म का एक बहुत पुराना उत्सव है। मान्यता है कि त्रेता युग में भगवान राम ने रावण का वध किया और लंका विजय के बाद माता सीता को लेकर अध्योध्या वापस लौटे। भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास की समाप्ति और रावण पर विजय के साथ माता सीता को मुक्त कराकर अयोध्या लौटने की खुशी में अयोध्यावासियों ने घर-घर दीपक जलाए। खुशियां मनाईं। यह परंपरा आज भी जारी है। दुनियाभर में हिंदू धर्मावलंबी बहुत उत्साह के साथ दीपावली मनाते हैं।

इस त्योहार को लेकर बच्चों में खासा उत्साह रहता है। घर, दुकान में दीपावली से पहले सफाई की जाती है। सभी लोग नए कपड़े पहनते हैं। बच्चे पटाखे छोड़ते हैं। लोग अपने घरों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाते हैं। दीपक जलाते हैं। दुकानों-प्रतिष्ठानो में मां लक्ष्मी की पूजा होती है। मिठाईयां बांटी जाती है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह अंधकार को दूर कर प्रकाश का भी प्रतीक है।

दिवाली पर निबंध (diwali nibandh in hindi) 250 शब्द (कक्षा 6,7 और 8 के छात्रों के लिए)

250 शब्दों की शब्द सीमा वाले दिवाली निबंध कक्षा 6,7 और 8 के छात्रों की परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। दिवाली उल्लास और उत्सव का समय है। यह वह दिन है जब राजा रामचंद्र ने असुर सम्राट रावण को हराया और 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे। अयोध्या वापसी पर अयोध्यावासियों ने अपने राजा राम का स्वागत दीप जलाकर किया। मान्यता है कि रामचंद्र की वापसी की खुशी में दीपावली मनाई जाती है।

लोग रंग-बिरंगी रोशनी से घरों को सजाते हैं। दीप-मोमबत्ती जलाते हैं। पकवान बनते हैं। लोग नए कपड़े पहनते हैं। मां लक्ष्मी की पूजा होती है। बच्चे और बड़े पटाखे-आतिशबाजी करते हैं।

आतिशबाजी दिवाली का एक लोकप्रिय हिस्सा बन गई है, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि त्योहार की असली भावना अपने प्रियजनों के साथ खुशियाँ फैलाना है। दिवाली जैसे त्यौहार परिवारों और दोस्तों के बीच के आपके बंधन को मजबूत करता है। यह एक ऐसा समय है जब हर कोई अपने परिवारों के साथ जश्न मनाने के लिए अपने गृहनगर वापस जाता है।

दिवाली के अवसर पर राष्ट्रीय अवकाश रहता है। इसलिए हर कोई त्योहार का आनंद उठाता है। रात होते ही उत्साह बढ़ता है। हर तरफ रोशनी दिखती है। माहौल में उल्लास का अनुभव होता है। दिवाली हमें धैर्य और जीवन में अच्छी चीजों की प्रतीक्षा करने का मूल्य सिखाती है। बच्चे उत्सुकता से उन स्वादिष्ट मिठाइयों और पकवानों का इंतज़ार करते हैं। यह एक ऐसा समय भी है जब घरों और आसपास की जगहों की अच्छी तरह सफाई होती है। दिवाली इस बात की शिक्षा देती है कि "अच्छे लोग हमेशा बुरे लोगों पर विजय प्राप्त करते हैं।"

दिवाली पर 300 शब्दों में निबंध (कक्षा 9,10 और 11 के छात्रों के लिए)

300 शब्दों में दिवाली पर निबंध कक्षा 9,10 और 11 के छात्रों के लिए उनकी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह निबंध अक्सर हिंदी लेख में पूछा जाता है।

भारतीय संस्कृति में त्यौहार मानव जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। वे हमारे मूल्यों की एक विशेष याद दिलाते हैं। त्योहार हमारी एकता, उल्लास और मनुष्य एक सामाजिक प्राणी हैं, इसे चरितार्थ करते हैं। दीपावली एक ऐसा ही एक त्यौहार है जिसे बहुत खुशी के साथ मनाया जाता है। दिवाली एक हिंदू त्यौहार है जो लंका के राजा रावण के साथ एक बड़ी लड़ाई के बाद श्रीरामचंद्र की अयोध्या वापसी का प्रतीक है। यह अंधकार पर प्रकाश का द्योतक है। त्यौहार में लोग मिलजुलकर खुशियां बांटते हैं।

दिवाली हमें सभी के प्रति दयालु होने और धैर्य रखने की याद दिलाती है। हमारी मान्यताओं का हमारे सोचने के तरीके पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है, इसलिए हमें दिवाली जैसे त्यौहारों में अपने विश्वास को बनाए रखना चाहिए। हालांकि दिवाली की रात को लोग पटाखे और आतिशबाजी करते हैं। यह कई बार लोगों की असुविधा का भी कारण बनता है। आतिशबाज़ी हवा में हानिकारक गैसें छोड़ती हैं, जिससे प्रदूषण होता है। इससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। पटाखे की तेज आवाज आस-पास रहने वाले जानवरों को भी डराते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए, दूसरों को खतरे में डाले बिना, ज़िम्मेदारी से जश्न मनाना ज़रूरी है। दिवाली के दौरान, हमारे घर ताज़े पके हुए खाने की स्वादिष्ट खुशबू से भर जाते हैं। हम त्योहार के दौरान बहुत सारे स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं और उनका आनंद लेते हैं। लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए कि त्योहार हमें करीब लाने और हमारे बंधन को मजबूत करने के लिए होते हैं, न कि उत्सव के नाम पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए। तो, आइए दिवाली को खुशी, दया और सभी जीवित प्राणियों और हमारे आस-पास की दुनिया के लिए विचार के साथ मनाएं।

दिवाली का त्योहार आने के 10-12 दिन पहले से ही बच्चों में इस त्योहार का उमंग दिखने लगता है। कोई अपने घरों में घरौंदा बनाने में जुट जाता है तो कोई कंदील तैयार करने में लग जाता है। स्कूलों में भी दिवाली के अवसर पर बच्चों के बीच रंगोली प्रतियोगिता, कंदील प्रतियोगिता जैसे इवेंट का आयोजन होता है जिसमें बच्चे अपनी रचनात्मक क्षमता दिखाते हैं। इस दौरान बच्चों का उत्साह देखते ही बनता है। इसके अलावा कई संस्थाओं द्वारा भी दिवाली पर कार्यक्रमों का आयोजन कर सामाजिक सद्भाव का संदेश देते हुए मिठाई और ग्रीन पटाखे बांटे जाते हैं।

दीपावली के दिन घर में मिट्टी का घरौंदा रखने का बहुत अधिक महत्व माना जाता है। हालांकि बीते समय के साथ लोग इसको भूलने लगे हैं, लेकिन आज भी मान्यताओं को मानने वाले लोग मिट्टी, लकड़ी आदि से घरौंदा बनाकर घरों में रखते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दीपावली के दिन घर में घरौंदा बनाने से घर में माता लक्ष्मी का वास होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है। कंदील सजाकर रखने से सकारात्मकता का भाव घर में बना रहता है।

दीपावली के अवसर पर बाजार में चहल-पहल बढ़ जाती है। तरह-तरह की दुकानें सजती हैं। मिट्‌टी के दीये, पटाखे, सजावट के सामान, फूल, कृत्रिम फूल, रंगोली बनाने का सामान, विभिन्न प्रकार की रंग-बिरंगी लाइट, कपड़े, मिठाईयां, बर्तन की दुकानें सड़क के किनारे सज जाती हैं। पूरा माहौल आनंद और उल्लास से भर जाता है। लोग घरों की सफाई करते हैं। उपयोग में आने वाली नई चीजें खरीदते हैं। इस अवसर का लाभ ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियां भी उठाती हैं। वे ग्राहकों को तरह-तरह के लुभावने ऑफर देते हैं और छूट देकर अधिक से अधिक बिक्री करना चाहते हैं। लोग उपहार में एक-दूसरे को मिठाईयां देते हैं। कंपनियाें में अपने कर्मचारियों को गिफ्ट देने की परंपरा है। कंपनियां अपने कर्मियों को बर्तन, थर्मस, प्रेशर कूकर, आयरन, ट्रॉली बैग आदि के साथ मिठाईयां और नमकीन के पैकेट उपहार में देती हैं।

बच्चों को दीपावली का इंतजार सबसे अधिक इंतजार रहता है। क्योंकि उन्हें विभिन्न तरह के पटाखे चलाने को मिलता है। बच्चे अपने अभिभावकों से दिवाली से दो-चार दिन पहले ही अपने लिए फुलझड़ियां, अनार, पटाखे, बंदूक खरीदवा लेते हैं। और घर-बाहर धमा-चौकड़ी मचाते हुए पटाखे छोड़ते हैं। हालांकि पटाखे चलाते समय असावधानी रखने पर कभी-कभी दुर्घटना भी होती है। हाथ-पैर जल जाते हैं। इसलिए पटाखे चलाते समय बच्चों को ध्यान रखना चाहिए कि किसी को कोई नुकसान न हो। हालांकि दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध है। और भारी आवाज और रोशनी वाले पटाखे नहीं चला सकते। क्योंकि ये पटाखे भारी मात्रा में धुंआ छोड़ते हैं जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है। इससे सांस के मरीजों की तकलीफ बढ़ जाती है। वहीं तेज आवाज वाले पटाखे से जानवर खासकर कुत्ते सहम जाते हैं। इसलिए उनकी परेशानी का भी ध्यान रखना चाहिए। बिहार में भी राजधानी पटना के अलावे मुजफ्फरपुर, गया और हाजीपुर में किसी प्रकार के पटाखों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। क्योंकि पिछले वर्ष इन चार शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बहुत खराब या गंभीर पाई गई थी। हालांकि ग्रीन पटाखों का उपयोग रात 8 से 10 बजे तक किया जा सकता है।

विभिन्न राज्यों में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ग्रीन पटाखों को छोड़कर अन्य सभी पटाखों के निर्माण, बिक्री, फोड़ने और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। साथ ही कॉमर्शियल वेबसाइट पर पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाई गई है। ग्रीन पटाखों के लिए भी समय सीमा निर्धारित की गई है। ग्रीन पटाखों में प्रदूषण फैलाने वाल पीएम पार्टिकल्स कम मात्रा में होते हैं।

दीपावली एक महत्वपूर्ण पर्व है जिस पर सभी एक-दूसरे के साथ अपनी खुशियां साझा करते हैं और दूसरों के सुखमय जीवन की कामनाएं करते हैं। दीपावली के शुभ अवसर पर परिजनों, ईष्टमित्रों से किन शब्दों में अपनी शुभकामना व्यक्त करें, यह उलझन होती है। नीचे कुछ दिवाली शुभकामना संदेश दिए गए हैं जिनकी मदद से आपको अपनी भावना व्यक्त करने में सहूलियत होगी-

  • प्रकाश व खुशियों के महापर्व दीपावाली आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं...
  • देवी महालक्ष्मी की कृपा से आपके घर में हमेशा उमंग और आनंद की रौनक हो। इस पावन मौके पर आप सबको दीपावाली की हार्दिक शुभकामनाएं। शुभ दीपावली!
  • प्रकाश के महापर्व दीपावली पर मेरी कामना है कि आपको समृद्धि, खुशी और अपार सफलता मिले। शुभ दीपावली!
  • लक्ष्मी जी विराजें आपके द्वार, सोने चांदी से भर जाए आपका घर-बार, आपके जीवन में आए खुशियां अपार, यही कामना है आपके लिए उपहार। दीपावली की बधाई...
  • शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपदा । शत्रुबुद्धि-विनाशाय दीपज्योती नमोऽस्तुते ।। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।।
  • प्रकाश का महापर्व दीपावली आपके घर में लाए खुशहाली, आप और आपके परिवार को हैप्‍पी दिवाली।
  • गणपति और मां लक्ष्मी आपके दुखों का नाश करें। रोशनी के दीप आपके घर में खुशहाली लाएं। दिवाली की ढेर सारी बधाई...
  • गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर भाषण
  • प्रदूषण पर निबंध
  • बाल दिवस पर हिंदी में भाषण

दिवाली स्वयं के अंदर के अंधकार को मिटा कर समूचे संसार को प्रकाशमय बनाने का त्योहार है। बच्चे इस दिन अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ियाँ तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं और आतिशबाजी का आनंद उठाते हैं। हमें इस बात को समझना होगा कि दीपावली के त्योहार का अर्थ दीप, प्रेम तथा सुख-समृद्धि से है। ऐसे में पटाखों का इस्तेमाल सावधानी पूर्वक और अपने बड़ों के सामने रहकर करना चाहिए। दिवाली का त्योहार हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। दीपावली का त्योहार सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। इस त्योहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है। हिंदी साहित्यकार गोपालदास नीरज ने भी कहा है, "जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना, अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए।" इसलिए दीपावली पर प्रेम और सौहार्द को बढ़ावा देने के प्रयत्न करने चाहिए।

इन्हें भी देखें

  • सीबीएसई क्लास 10वीं सैंपल पेपर
  • यूके बोर्ड 10वीं डेट शीट
  • यूपी बोर्ड 10वीं एडमिट कार्ड
  • आरबीएसई 10वीं का सिलेबस

1) दीपावली को दीपों का त्योहार या दीपोत्सव भी कहा जाता है।

2) दिवाली भारत के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है।

3) यह त्यौहार भगवान राम की याद में मनाया जाता है जो चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे।

4) इस अवसर पर हिंदू अनुयायी मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं।

5) बच्चे इस त्योहार पर पटाखे जलाकर बहुत खुश होते हैं।

6) हिंदुओं में इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।

7) बच्चे, बूढ़े और जवान, सभी इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा करते हैं।

8) इस दिन सभी लोग अपने दोस्तों और पड़ोसियों को मिठाइयाँ और उपहार देते हैं।

9) भारत में इस दिन सार्वजनिक अवकाश रहता है और लोग इस त्योहार को बड़े धूम-धाम के साथ मनाते हैं।

10) यह हिंदुओं के सबसे प्रिय और आनंददायक त्योहारों में से एक है, जिसे अन्य धर्म और संप्रदाय के लोग भी आपस में मिलजुल कर मनाते हैं।

  • हिंदी दिवस पर कविता | हिंदी दिवस पर निबंध | हिंदी दिवस पर भाषण

दिवाली 2025 में 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। दीपावली को दीप उत्सव भी कहा जाता है, क्योंकि दीपावली का मतलब होता है दीपों की अवली यानि पंक्ति। दिवाली का त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है।

किस वर्ष दीपावली कब है

  • 2022 - सोमवार, 24 अक्टूबर
  • 2023 - रविवार, 12 नवम्बर
  • 2024 - शुक्रवार, 1 नवम्बर
  • 2025 - सोमवार, 20 अक्टूबर
  • 2026 - रविवार, 8 नवम्बर
  • 2027 - शुक्रवार, 29 अक्टूबर
  • 2028 - मंगलवार, 17 अक्टूबर
  • 2029 - सोमवार, 5 नवम्बर
  • 2030 - शनिवार, 26 अक्टूबर
  • 2031 - शुक्रवार, 14 नवम्बर
  • 2032 - मंगलवार, 2 नवम्बर

Frequently Asked Questions (FAQs)

दिवाली 14 साल के वनवास के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी और साथ ही अंधकार पर रोशनी का प्रतीक है। अपने घरों की सफाई और उन्हें तरह तरह के लाइट से सजाने के बाद लक्ष्मी गणेश की पूजा के साथ दीपावली का त्योहार धूम धाम से मनाया जाता है, तथा रात के समय बच्चे आतिशबाजी का भी लुफ्त उठाते हैं।

इस त्योहार के दौरान, लोग अपने घरों को रंगोली और तेल के दीयों से सजाते हैं, जिन्हें दीपक कहा जाता है। सभी एक दूसरे को बधाई देते हैं, अच्छे अच्छे पकवान बनाते हैं, पटाखों से आतिशबाजी करते हैं और मिल-जुल कर सौहार्द के साथ दिवाली के पर्व को मनाते हैं।

दीपावली' संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ अर्थात ‘दीपक’ और ‘आवली’ अर्थात ‘श्रृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपकों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति।

आप इस लेख की सहायता से दिवाली पर हिंदी में निबंध लिख सकते है, पूरे लेख को ध्यान से पढ़ें और समझें की आप किस तरह से दिपावली पर हिंदी निबंध लिख सकते हैं।  

दिवाली का त्योहार मिट्टी के दीप या फिर तरह -तरह के लाइट और रंगोली से अपने घर को सजा कर, खुशियां बाँट कर, लक्ष्मी गणेश की पूजा करके, अच्छे अच्छे पकवान बना कर हर्ष और उल्लास के साथ दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।

साल 2024 में दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। हालांकि कुछ प्रदेशों में 1 नवंबर को भी दीपावली मनाई जाएगी। 

लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में करना सर्वाधिक फलदायक माना जाता है। प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन का और विशेष महत्व है। साल 2023 में दिवाली के अवसर पर 12 नवंबर को लक्ष्मी पूजन मुहूर्त गृहस्थजनों के लिए सायं 05:41 मिनट से रात 07:37 मिनट तक है। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त की कुल अवधि लगभग 01 घंटे 55 मिनट रहेगी। 

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Questions related to CBSE Class 10th

If you're looking for directions or steps to reach Sadhu Ashram on Ramgart Road in Aligarh, here’s how you can get there:

Steps to Reach Sadhu Ashram, Ramgart Road, Aligarh:

Starting Point:

  • Determine your starting point in Aligarh or the nearby area.

Use Google Maps:

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By Local Transport:

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Landmarks to Look For:

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hello Zaid,

Yes, you can apply for 12th grade as a private candidate .You will need to follow the registration process and fulfill the eligibility criteria set by CBSE for private candidates.If you haven't given the 11th grade exam ,you would be able to appear for the 12th exam directly without having passed 11th grade. you will need to give certain tests in the school you are getting addmission to prove your eligibilty.

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According to cbse norms candidates who have completed class 10th, class 11th, have a gap year or have failed class 12th can appear for admission in 12th class.for admission in cbse board you need to clear your 11th class first and you must have studied from CBSE board or any other recognized and equivalent board/school.

You are not eligible for cbse board but you can still do 12th from nios which allow candidates to take admission in 12th class as a private student without completing 11th.

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What would you observe when zinc is added to a solution of iron(II) sulphate? Write the chemical reaction that takes place.

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दिवाली पर निबंध | Essay On Diwali In Hindi | Diwali Par Nibandh

दिवाली पर निबंध, छोटा सा, 10 लाइन, 20 लाइन, कक्षा 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 150, 200, 300, 500,  शब्द, अर्थ, महत्व, 10 वाक्य, छोटे बच्चों, कैसे लिखें, उपसंहार, भूमिका (Essay On Diwali In Hindi, Deepavali, Festival,  Diwali Par Nibandh, 10 Line, Per Asse, 100, 200, 300, 500 Words, Essay Writing, Class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, Short Essay, Write A Essay, Pdf, Hindi Essay)

Diwali Par Nibandh – दिवाली सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह महान पर्व प्रत्येक वर्ष बड़े धूम धाम से मनाया जाता है। सनातन धर्म का केंद्र बिंदु भारत सहित यह गौरवशाली पर्व विश्व के कुछ देशों में बड़े ही उल्लास के साथ मनाया जाता है। नेपाल, श्रीलंका, सिंगापूर, मलेशिया, इंडोनेशिया, मॉरीशस व दक्षिण अफ्रीका के कुछ देशों में भी यह पर्व मनाया जाता है। इसके अलावा भारत के लोग जहाँ जहाँ, जिस जिस देशों में बसे है वे उन देशों में अपने इस गौरवशाली पर्व को वही मनाते है, जिससे विदेशो में विशेषकर अमरीका व यूरोप के कुछ देशो में भी यह मनाया जाने लगा है। आज के इस लेख में हम आपको दिवाली पर निबंध ( Essay On Diwali In Hindi ) बताने जा रहे है. यह निबंध आपके स्टूडेंट जीवन में जरुर काम आएगा.

Essay On Diwali In Hindi

Table of Contents

दिवाली पर निबंध (Essay On Diwali In Hindi)

दीपावली दो शब्दों के मिश्रण से बना एक शब्द है। इसमें प्रथम दीप है तो दूसरा है आवली। दीप या दीया का अर्थ होता है, दीपक। जबकि आवली का अर्थ होता है, शृंखला। इस प्रकार दीपावली का शाब्दिक अर्थ है, दीपो की शृंखला। दीपावली को सामान्य बोलचाल की भाषा में दिवाली कहा जाता है। यह प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। कार्तिक मास की अमावस्या प्रायः अंग्रेजी महीने के नवंबर में आती है मगर कभी कभी यह अक्टूबर में भी आ जाती है। यह हिंदी महीने की कम या अधिक अवधि के कारण होता है।

इस बार यानि वर्ष 2023 में कार्तिक मास की अमावस्या 12 नवंबर को पड़ रही है इसलिए इस बार दिवाली 12 नवंबर 2023, रविवार को मनाई जायेगी। इस बार पूजन का शुभ मुहूर्त संध्या आठ बजे से रात्रि दस बजे तक है।

दिवाली को मनाये जाने के पीछे सनातन धर्म में दो प्रमुख कथाएं अधिक प्रचिलत है। प्रथम कथा श्री राम से जुडी है तो दूसरी कथा श्री कृष्ण से जुडी है। इनमें सबसे प्रमुख चौदह वर्ष के वनवास के बाद श्रीराम का माता सीता सहित लक्ष्मण के साथ अपने गृह प्रदेश अयोध्या का आगमन है।

दीपावली क्यों मनाई जाती है?

दीपावली पर निबंध 150 शब्दों में (Essay On Diwali In Hindi 150 Words)

जब भगवान श्री राम लंकापति रावण पर विजय के साथ अपने चौदह वर्ष की वनवास पूरी करके भार्या (पत्नी) सीता व अनुज भ्राता लक्ष्मण के साथ अपने घर की वापसी किया तो उस दिन अयोध्या प्रजा में खुशी की लहर दौड़ गई। वे अपने घरो व गली, सड़को की साफ – सफाई करके अपने राजा के आगमन का स्वागत करने लगे। चूंकि उस दिन अमावस्या थी और अमावस्या की रात अन्धकार भरी होती है। इसलिए प्रजाजन अपने घरो के बाहर दीप प्रज्जलित करके श्री राम के लौटने के मार्ग को प्रकाश से भर दिया ताकि भगवान श्री राम, माता सीता व लक्षमण को आने में कोई समस्या न हो, उन्हें हर जगह प्रकाश मिले। कहते है तभी से दिवाली मनायी जाने लगी। अब यही कारण है, दिवाली की रात को घर-बाहर दीपक जलाये जाते है। दिवाली न केवल श्री राम से नहीं बल्कि श्री कृष्ण से भी जुड़ी हुई है। इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने भयानक असुर नरकासुर का वध करके सोलह हजार स्त्रियों को मुक्त करवाया था। इसी खुशी में लोगो के द्वारा दिवाली मनाई जाने लगी।

  • दिवाली के पांच दिनों के त्योहार के बारे में
  • धनतेरस कब है, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
  • लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त और तिथि
  • दिवाली शुभकामनाएं संदेश
  • दिवाली के लिए ट्रेंडी रंगोली डिजाइन
  • धनतेरस की शुभकामनाएं संदेश
  • गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त
  • तुलसी विवाह कब है?

दीपावली पर निबंध 200 शब्दों में (Essay On Diwali In Hindi 200 Words)

दिवाली खुशियों का त्यौहार है। यह प्रकाश के साथ साथ रंग का भी त्यौहार माना जाता है। वैसे तो रंगो का त्यौहार होली है मगर दिवाली में भी रंग का एक अपना महत्व है। रंग खुशियों का प्रतिक है। रंग उल्लास का प्रतिक है। रंग आशा का प्रतिक है। इसलिए दिवाली के दिन प्रायः घरो में रंग बिरंगी रंगोली बनाई जाती है। सनातन धर्म में रंगोली न केवल सुंदरता का प्रतिक माना जाता है बल्कि इसका आध्यात्मिक महत्व भी है। सनातन धर्म में रंगोली को शुभ का प्रतीक माना गया है। यह माता लक्ष्मी के आगमन हेतु स्वागत के लिए बनाया जाता है। इसके अलावा दिवाली से पहले लोग अपने घरो को साफ सुथरा करके पेंट पॉलिश भी करवाते है। इस तरह से दिवाली में रंगोली और रंग का विशेष महत्व है।

सभी को पता है प्रकाश का एक महापर्व है मगर यह प्रकाश किन बिन्दुओं का सूचक है ? अगर हम उन बिन्दुओ की बात करें तो दीपक से प्रज्जवलित यह प्रकाश नई दिशा का सूचक है। यह प्रकाश बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतिक है। यह प्रकाश जीवन में हर ओर मिलने वाली सफलता का सूचक है। यह प्रकाश आशा का सूचक है। यह प्रकाश खुशहाली भरा जीवन का सूचक है। यह प्रकाश समृद्धि का सूचक है। यह प्रकाश जीवात्मा का परमात्मा से मिलन का सूचक है।

दीपावली पर निबंध 300 शब्दों में (Essay On Diwali In Hindi 300 Words)

वास्तव में, दीपावली में जलाये जाने वाले दीपक ज्ञान, विज्ञान, आशा, सफलता, समृद्धि, विश्वास, संतुष्टि, अच्छाई व साक्षात् ब्रह्म का प्रतिक है। यह दीपक इस बात की ओर संकेत करता है कि मानव को आत्ममंथन के द्वारा अपने अंदर की बुराई पर विजय प्राप्त करनी चाहिए एवं अपने अंतर्मन को प्रकाशित करना चाहिए, तभी मानव में जन्म लेना सफल हो सकता है।

दिवाली हिन्दुओ के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह प्रकाश का महापर्व है। यह खुशियों का व मिलन का त्यौहार है। पटाखे व रौशनी आदि जैसे आतिशबाजी करके लोग अपने उत्साह को प्रकट करते है। इस अवसर पर लोग आपस में मिठाइयां बांटते है। कई लोग इस दिन नए वस्त्र भी धारण करते है। कुछ लोग अपनी क्षमता के अनुसार सोने, चाँदी आदि बहुमूल्य धातुओं से बने ज्वेलरी भी खरीदते है। माना जाता है कि दिवाली में नई खरीददारी शुभ होती है। यह माता लक्ष्मी के आगमन का सूचक होता है।

दीपावली केवल मनोरंजन व खुशियों के बाँटने का त्यौहार नहीं है बल्कि इस रात माता लक्ष्मी व भगवान श्री गणेश जी की भी विधिवत व भक्तिभाव से पूजन किया जाता है। माता लक्ष्मी धन व ऐश्वर्य की अधिष्ठात्री है। जबकि भगवान श्री गणेश विघ्न विनाशक हैं। उनके पूजन से जीवन में आने वाली विघ्न बाधाएं दूर होती है और नए नए मार्ग खुलते है। उसी प्रकार माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से धन का अभाव व दरिद्रता दूर होती है एवं जीवन में धन सम्पदा का आगमन होता है। इससे जीवन में खुशहाली आती है, क्योकि इस जीवन का सबसे बड़ा दुःख धन का दुःख ही होता है। इस तरह धन के आगमन से मनुष्य का जीवन आनंदमय हो जाता है और ये सब माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से ही संभव होता है।

दीपावली पर निबंध 500 शब्दों में (Essay On Diwali In Hindi 500 Words)

दिवाली का त्यौहार पांच दिनों का होता है। इसका आरम्भ मुख्य दिवाली के दो दिन पहले धनतेरस से आरम्भ होता है। धनतेरस का त्यौहार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। धनतेरस का वास्तविक नाम धन त्रयोदशी है। समुन्द्र मंथन में इसी दिन देवताओ के वैद्य कहे जाने वाले देव धन्वन्तरि प्रकट हुए थे। उनका प्रागट्य हाथ में सोने के कलश में अमृत लिए हुए था। इसलिए धनतेरस के दिन बर्तन या कोई वस्तु अथवा क्षमता के अनुसार सोने, चाँदी आदि मंहगे धातुओं को खरीदने की प्रथा है। इस दिन बर्तन, वस्तु (धन-समृद्धि का सूचक) व सोने – चाँदी खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस में बर्तन, वस्तु व सोने चाँदी आदि के खरीदना माता लक्ष्मी के आगमन का सूचक होता है और यह बहुत शुभ होता है। चूँकि धनतेरस से ही माता लक्ष्मी के विशेष पूजन का मुहूर्त आरम्भ हो जाता है।

धनतेरस से अगले दिन व दिवाली से ठीक एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाने की प्रथा है। हालांकि कुछ क्षेत्रो में यह दिवाली के अगले दिन मनाई जाती है, जहाँ सामान्य बोलचाल की भाषा में बासी दिवाली भी कहते है। चूँकि दिवाली से एक दिन पहले की तिथि को यम चतुर्दशी कहते है इसलिए उन स्थानों पर इस तिथि के रात्रि काल में स्त्रियां यम के नाम एक दीपक घर के बाहर जलाया करती है। वैसे छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने सत्यभामा के साथ मिलकर भयानक दैत्य नरकासुर का वध किया था और उसके बंधन से सोलह हजार स्त्रियों को मुक्त करवाया था।

दिवाली के एक दिन पहले वाले इस तिथि को काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। क्योकि यह तिथि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के 14वें दिन को पड़ता है। इस तिथि को काली चौदस, नरक चौदस, यम चतुर्दशी और नरक चतुर्दशी के नामो से जाना जाता है। इसके बाद अगले दिन कार्तिक मास की अमावस्या प्रकाश का महापर्व दीपावली मनाई जाती है। पांच दिनों तक मनाये जाने वाले इस महापर्व का यह सबसे प्रमुख दिन होता है।

दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है। गोवर्धन पूजा के अगले दिन भाई बहन के प्रेम को समर्पित पर्व भाई दूज मनाया जाता है। पांच दिनों तक मनाये जाने वाले इस महापर्व का पांचवां दिन भाई दूज या यम द्वितीया के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भाई बहन के प्रेम को समर्पित है। इस दिन बहनें अपने भाई के लम्बे आयु के लिए पूजन करती है और ईश्वर से उसके लिए प्रार्थना करती है। भाई दूज के साथ ही पांच दिनों तक मनाये जाने इस महापर्व दिवाली का समापन होता है।

निष्कर्ष – आज हमने आपको बताया दिवाली पर निबंध ( Essay On Diwali In Hindi) के बारें में, उम्मीद करते है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी.

Q : दिवाली कब है? Ans : 24 अक्टूबर 2022 को

Q : दीपावली के 5 दिन कौन से हैं? Ans : धनतेरस, छोटी दिवाली, बड़ी दिवाली गोवर्धन पूजा और भाई दूज

Q : दिवाली के दूसरे दिन को क्या कहते हैं? Ans : गोवर्धन पूजा

Q : गोवर्धन पूजा कब है? Ans : 26 अक्टूबर को

Q : धनतेरस कब है? Ans : 22 अक्टूबर को

Q : भाई दूज कब है? Ans : 26 अक्टूबर को

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दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)

दिवाली

दीपावली (Deepawali) या दिवाली का अर्थ है दीपों की अवली मतलब दीपों की पंक्ति। यह पर्व विशेष कर भारत और भारत के पड़ोसी देश नेपाल में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त अन्य देशों में (जहां हिंदू निवास करते हैं) भी यह विधि पूर्वक मनाया जाता है। यह पर्व अपने साथ खुशी, उत्साह और ढ़ेर सारा उमंग लेकर आता है। कार्तिक माह के अमावस्या को दिवाली का पर्व अनेक दीपों के प्रकाश के साथ मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर अमावस्या की काली रात दिपों के जगमगाहट से रौशन हो जाती है। दिपावली पर पुराने रीत के अनुसार सभी अपने घरों को दीपक से सजाते हैं।

दिवाली पर 10 वाक्य   || दिवाली के कारण होने वाला प्रदूषण पर निबंध

दीपावली 2021 पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Diwali 2021 in Hindi, Deepawali par Nibandh Hindi mein)

निबंध – 1 (300 शब्द).

प्रभु राम के चौदह वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या वापस आने के उपलक्ष्य में दिवाली मनाया गया, तब से प्रति वर्ष दिवाली मनाया जाने लगा। स्कंद पुराण के अनुसार दिवाली से जुड़ी अनेक कथाएं प्रचलित हैं। अतः आध्यात्मिक दृष्टि से दिवाली हिंदुओं का बहुत अधिक महत्वपूर्ण त्योहार है।

दीपावली (Deepawali) के उपलक्ष्य में विभिन्न प्रचलित कथाएं (इतिहास)

दिवाली का इतिहास बहुत पुराना है, इससे जुड़ी अनेक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं जैसे कुछ लोगों के अनुसार सतयुग में भगवान नृसिंह ने इस दिन हिरण्यकश्यप का वध किया था इस उपलक्ष्य में दिवाली मनाया जाता है। कुछ लोगों का मानना है द्वापर में कृष्ण ने नरकासुर का वध कार्तिक आमवस्या को किया था इसलिए मनाया जाता है। कुछ के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी दूध सागर से प्रकट हुई थी, एवं अन्य के अनुसार माँ शक्ति ने उस दिन महाकाली का रूप लिया था इसलिए मनाया जाता है।

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दीपावली की सर्वाधिक प्रचलित कथा

दिवाली मनाए जाने वाले कारणों में सबसे प्रचलित कहानी त्रेता युग में प्रभु राम के रावण का वध कर चौदह वर्ष पश्चात माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में पूरी अयोध्या नगरी को फूलों और दीपों से सजाया गया। तब से प्रति वर्ष कार्तिक अमावस्या को दिवाली मनाया जाने लगा।

दीपावली कब मनाई जाती है

उत्तरी गोलार्द्ध में शरद ऋतु के कार्तिक माह की पूर्णिमा को यह दिपोत्सव धूम-धाम से मनाया जाता है। ग्रेगोरी कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार अक्टूबर या नवम्बर माह में मनाया जाता है।

दीपावली (Deepawali) का महत्व

दिवाली की तैयारी के वजह से घर तथा घर के आस-पास के स्थानों की विशेष सफाई संभव हो पाती है। साथ ही दिवाली का त्योहार हमें हमारे परंपरा से जोड़ता है, हमारे आराध्य के पराक्रम का बोध कराता है। इस बात का भी ज्ञान कराता है कि, अंत में विजय सदैव सच और अच्छाई की होती है।

दिवाली के साथ जुड़ी अनेक पौराणिक कहानियां इसके महत्व को और अधिक बढ़ा देती हैं। इस त्योहार से हम सभी को सच के राह पर चलने की सीख प्राप्त होती है।

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निबंध – 2 (400 शब्द)

दीपावली (Deepawali), स्वयं में अपनी परिभाषा व्यक्त करने वाला एक शब्द है, जिसे हम सब त्योहार के रूप में मनाते हैं। यह दीपों और रोशनी का त्योहार है। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अमावस्या को हम दीवाली के रुप में मनाते हैं। इसे सभी हिंदू देशों जैसे की भारत, नेपाल, आदि में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। परन्तु इस वर्ष कोरोना के कारण दीवाली की परिभाषा थोड़ी अलग होगी। खुशियां तो आएंगी परंतु अभी लोगों से दूरी बनाने में ही समझदारी है।

2020 की कोरोना वाली दीवाली

इस वर्ष जहां एक ओर पूरा विश्व कोरोना नामक महामारी से लड़ रहा है तो वही त्योहारों का मौसम भी ज़ोर पर है। त्योहारों का आनंद जरूर उठाये परन्तु यह याद रखें की सावधानी हटी, दुर्घटना घटी अर्थात कोरोना किसी भी रूप में आप तक पहुंच सकता है इस लिये कुछ नियमों का पालन करें जैसे:

  • बाज़ार आवश्यक होने पर ही जाएं।
  • सामान लेने के बाद घर आकर सामान को सैनिटाइज जरूर करें।
  • मास्क पहनना न भूलें और एक छोटा सैनिटाइजर भी साथ में अवश्य रखें।
  • दीवाली अपने साथ ठंडक को भी दस्तक देती है तो अपनी सेहत का भी ध्यान दें।
  • एक जिम्मेदार नागरिक बनें और बच्चों को भी पटाखों से होने वाले नुकसान बताएं।
  • मौसम बदलने पर ज्यादातर लोग बीमार पड़ते हैं इस लिये त्योहार की भागा दौड़ी में खुद का ख्याल रखना न भूलें।
  • घरों में डस्टिंग और सफाई आदि करने से कई बार श्वास संबंधी रोग से पीड़ित लोगों को दिक्कत होने लगती है, इस लिये इसे करने से बचें क्यों की किसी भी तरह की श्वास संबंधी बीमारी होने पर लोगों में बेमतलब कोरोना की आशंका हो जाती है।
  • स्वास्थ्य के अतिरिक्त लोकल सामानों को खरीदें और लोकल के लिये वोकल बनें और भारतीय उत्पाद अपनाएं।
  • दीयों से खूबसूरत कुछ नहीं लगते, इस लिये विदेशी लाइटों की जगह घरों को मिट्टी के दीयों से सजाएँ और देश की अर्थव्यवस्था सुधारने में मदद करें।

अपकी दीवाली केवल परिवार के साथ

दीवाली रोशनी का त्योहार तो है ही, साथ में खुशियां भी लाती है। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर कोई इस दिन का बेसबरी से इंतजार करता है। नए कपड़ों, रंग-बिरंगी मिठाइयों और रंगोली के सामान से बाजारों में रौनक आ जाती है। लोग जम कर खरीदारी करते हैं और अपने-अपने घरों को भी सजाते हैं। इस दिन पूरे देश में खुशी का माहौल रहता है।

इस दीवाली खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी रखें इस लिये इस वर्ष किसी के घर न जाएं सब को फ़ोन पर ही बधाई दे दें। अच्छा भोजन खाएं, ज्यादा बाज़ार के उत्पाद न खाएं घर पर बना खाना खाएं और स्वास्थ्य का विशेष ध्यान दें और परिवार के साथ इसका आनंद लें।

हर त्योहार की अपनी खासियत होती है, ठीक इसी प्रकार रोशनी के इस पर्व को समृद्धि का सूचक माना जाता है। ज्यादातर घरों में इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है और धन-धान्य का वरदान मांगा जाता है। इस वर्ष पर्यावरण और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक शांत और रोशनी से भरपूर त्योहार अपने-अपने परिवार के साथ मनाएं।

Diwali Essay

यह भी पढ़े : धनतृयोदशी या धनतेरस या धनवंन्तरी तृयोदशी

निबंध – 3 (500 शब्द)

दीपावली (Deepawali) धन, धान्य, सुख, चैन व ऐश्वर्य का त्योहार है। भारत के विभिन्न राज्य इस अवसर पर पौराणिक कथाओं के आधार पर विशेष तरह की पूजा करते हैं। दिवाली, भारत तथा नेपाल में प्रमुख रूप से मनाया जाता है। इसके अलावा अन्य देशों में भी उत्साह के साथ मनाया जाता है।

भारत के विभिन्न स्थान पर दिपावली मानाने की वजह

भारत के विभिन्न राज्यों में दिवाली मानाने की अलग-अगल वजह है। उन में से कुछ प्रमुख निम्नवत् हैं-

  • भारत के पूर्वी भाग में स्थित उड़ीसा, बंगाल इस दिन माता शक्ति को, महाकाली का रूप धारण करने के वजह से मनाते हैं। और लक्ष्मी के स्थान पर काली की उपासना करते हैं।
  • भारत के उत्तरी भाग में स्थित पंजाब के लिए दिवाली बहुत महत्व रखता है क्योंकि 1577 में इसी दिवस पर अमृतसर में स्वर्ण मंदिर की नींव रखी गई थी। और इसी दिन पर सिक्खों के गुरु हरगोबिंद सिंह को जेल से रिहा किया गया था।
  • भारत के दक्षिण भाग में स्थित राज्य जैसे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, आदि दिवाली पर, द्वापर में कृष्ण द्वारा नरकासुर के वध के खुशी में कृष्ण की पूजा करके मनाते हैं।

विदेश में दिपावली का स्वरूप

  • नेपाल – भारत के अलांवा भारत के पड़ोसी देश नेपाल में दिपावली का त्योहार धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिवस पर नेपाली कुत्तों को सम्मानित करते हुए उनकी पूजा करते हैं। इसके अलांवा वह संध्याकाल में दीपक जलाते हैं तथा एक-दूसरे से मिलने उनके घर जाते हैं।
  • मलेशिया – मलेशिया में हिंदुओं की संख्या ज्यादा होने के वजह से इस दिन पर सरकारी अवकाश दिया जाता है। लोग अपने घरों में पार्टी आयोजित करते हैं। जिसमें अन्य हिंदू व मलेशियाई नागरिक सम्मिलित होते हैं।
  • श्रीलंका – इस द्वीप में रह रहे लोग दिवाली के सुबह उठ कर तेल से स्नान करते हैं और पूजा के लिए मंदिर जाते हैं। इसके अतिरिक्त यहां दिवाली के मौके पर खेल, आतिशबाजी, गायन, नृत्य, भोज आदि आयोजित किया जाता है।

इन सब के अतिरिक्त अमेरिका, न्यूजीलैंड, मॉरिशस, सिंगापुर, रीयूनियन, फिजी में बसे हिंदुओं द्वारा यह पर्व मनाया जाता है।

दीपावली (Deepawali) पर ध्यान रखने योग्य बातें

विशेषकर लोग दीपावली (Deepawali)पर पटाखे जलाते हैं, यह पटाखे अत्यधिक खतरनाक होते हैं। मस्ती में होने के वजह से अनचाही दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। अतः त्योहार के धूम-धाम में व्यक्ति को सुरक्षा का भी पूर्ण खयाल रखना चाहिए।

दीपावली (Deepawali)पर अभद्र व्यवहार न करें

कई लोगों का मानना है, दिपावली के अवसर पर जुआ खेलने से घर में धन की बाढ़ आ जाती है। इस कारणवश अनेक लोग इस अवसर पर जुआ खेलते हैं। यह उचित व्यवहार नहीं है।

अत्यधिक पटाखो का जलाया जाना

पटाखों के आवाज से अनेक बेजुबान जानवर बहुत अधिक डरते हैं। इसके अलांवा बड़े-बुजुर्ग और गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज़ भी इन ध्वनि से परेशानियों का सामना करते हैं। इसके साथ ही दिवाली के दूसरे दिन प्रदुषण में वृद्धि हो जाती है।

दिवाली खुशीयों का त्योहार है। इससे जुड़ी प्रत्येक चीज हमें खुशी देती है। हम सभी को समाज के ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते यह कर्तव्य बनता है की हमारे मस्ती और आनंद के वजह से किसी को भी किसी प्रकार का कष्ट न होने पाए।

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हेलो स्टूडेंट्स! क्या आप को दिवाली पर निबंध हिंदी में (Diwali Essay In Hindi) चाहिए? अगर हाँ तो आप बिलकुल सही जगह पहुंचे हैं। इस पोस्ट में आपको दिवाली पर निबंध (Diwali Ka Essay In Hindi) मिलने वाला हैं। अगर आपको Diwali Essay In Hindi 150 Words में चाहिए तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।

दिवाली, सभी भारतीयों के लिए खुशी का त्योहार, हर साल बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर हर घर में भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। दिवाली का त्यौहार भारत में दो दिनों तक मनाया जाता है और बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, भले ही लोग दूसरे देशों में रहते हों।

इस अवसर को चिह्नित करने के लिए, छात्रों को अक्सर लिखने के लिए एक निबंध दिया जाता है। कई छात्र त्योहार और इसके महत्व के बारे में अधिक जानने के लिए इंटरनेट पर दिवाली पर निबंध (Diwali Essay In Hindi) खोजते हैं। अगर आप भी Diwali Ka Essay In Hindi खोज रहे हैं तो चलिए आपको एक अच्छा निबंध बताते हैं:

Diwali Essay In Hindi / Diwali Ka Essay In Hindi

दिवाली, जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू कैलेंडर में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह रोशनी का त्योहार है, और इसे बुराई पर अच्छाई, अंधकार पर प्रकाश और अज्ञान पर ज्ञान की जीत के रूप में मनाया जाता है।

दिवाली से जुड़ी सबसे लोकप्रिय कहानी 14 साल के वनवास के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी है। भगवान राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है, और उनकी अयोध्या वापसी एक महान उत्सव का समय था। अयोध्या के लोगों ने उनके वापस स्वागत के लिए दीये जलाए और इसी तरह आज दिवाली मनाई जाती है।

दिवाली धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी से प्रार्थना करने का भी समय है। लोग अपने घरों को साफ करते हैं, और उन्हें दीयों और रंगोलियों (जमीन पर बने रंगीन पैटर्न) से सजाते हैं। वे नये कपड़े, आभूषण और उपहार भी खरीदते हैं।

दिवाली के दिन, लोग अपने दोस्तों और परिवार से मिलते हैं, उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेते हैं। वे खेल भी खेलते हैं और पटाखे भी जलाते हैं। दिवाली खुशी और उत्सव का समय है, और यह एक साथ आने और पिछले साल की परेशानियों को भूलने का समय है।

Diwali Essay In Hindi 150 Words

दिवाली, जिसे “रोशनी का त्योहार” भी कहा जाता है, भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इसे सभी उम्र और धर्मों के लोग बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं।  

दिवाली के दौरान, लोग अपने घरों और सड़कों को रोशनी, मोमबत्तियों और अन्य सजावट से सजाते हैं। वे नए कपड़े पहनते हैं और अपने प्रियजनों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। यह त्योहार लोगों के लिए भगवान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उनकी भलाई के लिए प्रार्थना करने का भी समय है।

दिवाली के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है दीयों की रोशनी, छोटे तेल के दीपक जो घरों और सार्वजनिक स्थानों पर जलाए जाते हैं। ये दीये बुराई पर अच्छाई की जीत और अंधेरे पर प्रकाश की विजय का प्रतीक हैं।

दिवाली के दौरान एक और महत्वपूर्ण परंपरा दोस्तों और परिवार के साथ मिठाइयों और अन्य व्यंजनों का आदान-प्रदान है। यह त्योहार की साझा करने और खुशी की भावना का प्रतीक है।

Diwali Essay In Hindi 10 Lines | दिवाली पर निबंध 10 लाइन

1) दिवाली, जिसे रोशनी के त्योहार या दीपोत्सव के रूप में भी जाना जाता है, हिंदुओं के बीच एक लोकप्रिय और महत्वपूर्ण उत्सव है। 2) यह चौदह वर्ष के वनवास के बाद भगवान राम के अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। 3) इस दिन, हिंदू अनुयायी मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं। 4) इस अवसर का जश्न मनाने के लिए बच्चे उत्सुकता से पटाखे जलाने में भाग लेते हैं। 5) धार्मिक रिवाज और पूजा बच्चों, बुजुर्गों और वयस्कों सहित सभी उम्र के लोगों द्वारा की जाती है। 6) यह त्यौहार बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है, जिसमें लोग अपने दोस्तों, पड़ोसियों और प्रियजनों को मिठाइयाँ और उपहार देते हैं। 7) दिवाली केवल हिंदू ही नहीं बल्कि अन्य धर्म और संप्रदाय के लोग भी मनाते हैं। 8) इस दिन भारत में सार्वजनिक अवकाश होता है और इसे बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। 9) यह हिंदुओं के सबसे प्रिय और पसंदीदा त्योहारों में से एक है, जो लोगों को एक साथ लाता है और खुशी और खुशी फैलाता है। 10) दिवाली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत, अंधेरे पर प्रकाश की विजय और एकता और भाईचारे के महत्व का प्रतीक है।

My Favourite Festival Diwali Essay In Hindi

मेरा पसंदीदा त्योहार दिवाली है। यह प्रकाश का त्योहार है, और इसे बुराई पर अच्छाई की जीत, अंधकार पर प्रकाश की जीत और अज्ञान पर ज्ञान की जीत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन, लोग अपने घरों को दीयों और रंगोली (रंगीन आकृतियों) से सजाते हैं, और मिठाई और नए कपड़े खरीदते हैं। वे अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलते हैं और उनका स्वागत करते हैं, और पटाखे और आतिशबाजी चलाते हैं।

दिवाली का सबसे लोकप्रिय कथा भगवान राम की वापसी से जुड़ा है, जो 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। उनके स्वागत में, अयोध्या के लोगों ने घरों और सड़कों को दीयों से रोशन किया। इस दिन, लोग भगवान राम और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, जो धन और समृद्धि की देवी हैं।

दिवाली एक खुशी और उल्लास का त्योहार है, और यह एक समय है जब लोग एकजुट होते हैं और नए साल की शुरुआत करते हैं। यह एक दिन है जब लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलते हैं और उनका स्वागत करते हैं, और नए साल के लिए अपनी शुभकामनाएं देते हैं।

मैं दिवाली को इसलिए पसंद करता हूँ क्योंकि यह एक खुशहाल और उज्जवल त्योहार है। यह एक समय है जब लोग एक साथ आते हैं और खुशी मनाते हैं। मुझे यह भी पसंद है कि इस दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं और नए कपड़े खरीदते हैं। मुझे लगता है कि यह एक अच्छा अवसर है नए साल की शुरुआत करने के लिए।

दिवाली एक सांस्कृतिक और धार्मिक त्योहार है, और यह भारत के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। यह एक दिन है जब लोग एक साथ आते हैं और खुशी मनाते हैं। मुझे खुशी है कि मैं इस त्योहार को मनाने का मौका पाता हूँ।

Diwali Essay In Hindi For Child

दीपावली, जिसे दिवाली या दीपोत्सव के रूप में भी जाना जाता है, भारत का एक प्रमुख त्योहार है। यह एक पांच दिवसीय त्योहार है, जो कार्तिक महीने के अमावस्या के दिन मनाया जाता है।

दीपावली को प्रकाश का त्योहार कहा जाता है, और इसे बुराई पर अच्छाई की जीत, अंधकार पर प्रकाश की जीत और अज्ञान पर ज्ञान की जीत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन, बच्चे और वयस्क अपने घरों को दीयों और रंगोली (रंगीन आकृतियों) से सजाते हैं, और मिठाई और नए कपड़े खरीदते हैं। वे अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलते हैं और उनका स्वागत करते हैं, और पटाखे और आतिशबाजी चलाते हैं।

दीपावली एक खुशी और उल्लास का त्योहार है, और यह एक समय है जब लोग एकजुट होते हैं और नए साल की शुरुआत करते हैं। यह एक दिन है जब बच्चे और वयस्क मिलते हैं और खुशी मनाते हैं। मुझे उम्मीद है कि आप इस त्योहार का आनंद लेंगे!

Essay On Diwali In Hindi For Class 5, 6

दीपावली भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है। यह हर साल अक्टूबर या नवम्बर महीने में मनाया जाता है। दीपावली को ‘लक्ष्मी पूजा’ के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

इस त्योहार को उत्सवी तरीके से मनाया जाता है। घरों में दीपकों की रौशनी से सजीवता आती है और लोग खुशी-खुशी इसे मनाते हैं। बच्चे और वयस्क लोग आपसी बनाए गए खास खिलौनों के साथ खेलते हैं और मिलकर मिठाई खाते हैं।

दीपावली का अर्थ होता है ‘दीपों की पंक्ति’। इस दिन लोग अपने घरों की सजीवता को बढ़ाने के लिए दीपकों की माला बनाते हैं और उन्हें अपने घरों में रखते हैं।

इसके साथ ही, दीपावली हिन्दू परंपरागती मेलों का भी एक हिस्सा है। लोग मेलों में आकर खेल, खान-पान और विभिन्न वस्त्रों की खरीददारी का आनंद लेते हैं।

इस प्रकार, दीपावली एक खुशी और उत्साह का त्योहार है जो हमें सामाजिक और पारिवारिक एकता का संदेश देता है। यह हमें दीपकों की रौशनी के रूप में अच्छाई की ओर आग्रहित करता है और हमें बुराई से दूर रहने की प्रेरणा प्रदान करता है।

Essay On Diwali In Hindi With Headings

परिचय: दीपावली भारतीय उपमहाद्वीप में मनाया जाने वाला एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार है। यह हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है और यह त्योहार खुशी, उत्साह और रंगीनता के साथ मनाया जाता है।

धार्मिक महत्व: दीपावली को ‘लक्ष्मी पूजा’ के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। यह एक प्रकार की धार्मिक आराधना होती है जो लोगों को आदर्श और ईमानदारी की महत्वपूर्णता का संदेश देती है।

आवश्यक तैयारियाँ: दीपावली के दिन घरों में सफाई और सजावट की तैयारियाँ होती हैं। लोग अपने घरों को सजाने के लिए नए वस्त्र और सजावटी आइटम खरीदते हैं। घर की सजीवता को बढ़ाने के लिए दीपकों की मालाएँ बनाई जाती हैं और उन्हें घर के चारों ओर रखा जाता है।

रंगों का त्योहार: दीपावली के दिन लोग अपने घरों को रंगीन दीपकों से सजाते हैं और आसमान में फुलझडि़याँ फोड़ते हैं। रंगों का ख़ेल, मिठाइयों का सेवन और मिलनसर कूदने का आनंद लेते हैं।

सामाजिक महत्व: दीपावली एकता और सामाजिक सद्भावना का प्रतीक होता है। लोग इस त्योहार के माध्यम से अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताते हैं और आपसी बंधन मजबूत करते हैं।

निष्कर्ष: दीपावली एक प्रकार की प्रकृति, धर्म और संस्कृति के मेल का प्रतीक है। यह हमें अच्छाई, ईमानदारी और प्रेम की महत्वपूर्णता का आदर्श प्रस्तुत करता है। इस त्योहार के माध्यम से हम अपने जीवन में प्रकारी और उत्सवी भावनाओं को बढ़ा सकते हैं।

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मेरा प्रिय पर्व: दीपावली पर निबंध | Essay on My Favorite Festival : Diwali in Hindi

essay on diwali in hindi 120 words

मेरा प्रिय पर्व: दीपावली पर निबंध | Essay on My Favorite Festival : Diwali in Hindi!

भारत एक विशाल देश है जहाँ विभिन्न धर्मों व संप्रदायों के मानने वाले लोग रहते हैं। अत: यहाँ मनाए जाने वाले पर्व भी अनेक हैं । दीपावली, होली, रक्षाबंधन व विजयदशमी हिंदुओं के चार प्रमुख त्योहार हैं ।

वैसे तो प्रत्येक त्योहार का अपना एक विशेष महत्व है परंतु इन सब में दीपावली का त्योहार मुझे विशेष रूप से प्रिय है । यह त्योहार हिंदुओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है । दीपावली प्रत्येक वर्ष हिंदी महीनों के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है ।

दीपावली का पर्व वास्तविक रूप में अनेक पर्वों का एक समूह है । इस पर्व के साथ धनतेरस, गोवर्धन पूजा, विश्वकर्मा दिवस तथा भैया दूज का पर्व भी मनाया जाता है । धनतेरस का पर्व दीपावली के प्रमुख दिन से दो दिन पूर्व अर्थात् त्रयोदशी के दिन मनाया जाता है ।

इस दिन नए बरतन तथा आभूषण आदि खरीदने की परंपरा है । इसके पश्चात् चतुर्दशी के दिन छोटी दीपावली मनाई जाती है । तत्पश्चात् अमावस्या की रात्रि को दीपावली का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है । प्रतिपदा को विश्वकर्मा दिवस तथा गोवर्धन पूजा होती है । द्‌वितीया को भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक भैया दूज मनाई जाती है ।

दीपावली का धार्मिक, पौराणिक तथा सामाजिक सभी दृष्टि में विशेष महत्व है । इसे मनाने हेतु यह पौराणिक कथा प्रचलित है कि इस दिन श्रीराम लंका के आततायी राजा रावण का वध करने के उपरांत अयोध्या को लौटे थे । अयोध्या की प्रजा ने चौदह वर्षों के उनके वनवास के पश्चात् अयोध्या वापस लौटने पर घी के दीपक जलाकर उनका हार्दिक अभिनंदन किया ।

श्रीराम के सीता तथा लक्ष्मण सहित लौटने तथा उनके अयोध्या की गद्‌दी ग्रहण करने की खुशी को व्यक्त करने हेतु वहाँ की प्रजा ने घरों में घी के दीपक जलाए । तभी से परंपरागत रूप से प्रतिवर्ष इसी दिन हम इस त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाते चले आ रहे हैं ।

ADVERTISEMENTS:

दीपावली के कई दिन पूर्व ही इसकी तैयारियाँ प्रारंभ हो जाती हैं । सभी लोग अपने घरों की सफाई करते हैं तथा उसकी लिपाई-पुताई व नए रंगों से रंगाई कराते हैं । अमावस्या की रात्रि को सर्वप्रथम गणेश तथा लक्ष्मी का पूजन होता है व सभी ओर घरों में दीप जलाए जाते हैं ।

आधुनिक समय में रंग-बिरंगे विद्‌युत प्रकाश का महत्व बढ़ता जा रहा है । धनतेरस से लेकर भैया दूज तक बाजारों की चहल-पहल देखते ही बनती है । चारों ओर सजी दुकानें, साफ-सुथरे दमकते हुए घर, रंग-बिरंगी पोशाकों में दिखते लोग इस पर्व के महत्व को और बढ़ा देते हैं । बच्चों में इसका विशेष उल्लास देखने को मिलता है । दीपावली के दिन पटाखे छुटाते हुए उनके हर्ष और उल्लास को भली-भाँति अनुभव किया जा सकता है ।

दीपावली की प्राचीनता को देखते हुए यह कहा जा सकता है इस पर्व के मनाने का समय ही कुछ ऐसा है कि मनुष्य नए मौसम के हिसाब से अपने को ढाल सके । इस समय कुछ कीट अनावश्यक रूप से उत्पन्न होते हैं जो दीपक की लौ के साथ नष्ट हो जाते हैं । परंतु जिस तरह से आजकल यह प्रकाश पर्व ध्वनि पर्व बनता जा रहा है, वह पूरे समाज के लिए चिंता की बात है ।

दीपावली का त्योहार खुशियों का त्योहार है । यह हमें समाज में फैली अनेक बुराइयों के अंधकार को समाप्त कर अच्छाइयों के प्रकाश की ओर ले जाने हेतु प्रेरित करता है। दीपावली पर कुछ लोग इस मान्यता के साथ जुआ खेलते हैं कि इस दिन जुआ खेलना शुभ होता है ।

परिणामस्वरूप खुशी का यह त्योहार उनके लिए तब अभिशाप बन जाता है जब वे अगली सुभा तक अपनी गाड़ी संपत्ति लुटा चुके होते हैं । दूसरी ओर इस दिन कुछ लोग स्वयं को शराब में डुबोकर अपने परिवार की खुशियाँ छीन लेते हैं । अत: इसे हँसी-खुशी ढंग से ही मनाया जाना चाहिए तभी यह हमें आंतरिक खुशी प्रदान कर सकेगा ।

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi): हिंदी में दीपावली पर निबंध 100, 200, 500, 1000 शब्दों में यहां देखें

Updated On: October 30, 2024 04:33 PM

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दिवाली पर पैराग्राफ (Paragraph on Diwali in Hindi)

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)

दिवाली कब है (Diwali kab hai) - शुभ मुहूर्त

  • दीपदान: लोग अपने घरों, मंदिरों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर दीपक जलाते हैं।
  • पटाखे चलाना: लोग आतिशबाजी और पटाखे चलाते हैं।
  • भाई दूज: बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उन्हें उपहार देती हैं।
  • छोटी दिवाली: यह दीपावली से एक दिन पहले मनाई जाती है। इस दिन, लोग लक्ष्मी पूजन करते हैं।

दिवाली पर निबंध 100 शब्दों में (Essay on Diwali in 100 words in Hindi)

दीपावली पर निबंध 100 शब्दों में (Essay on Dipawali in 100 words in Hindi) : दीपावली, भारत में मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह त्योहार, हर साल केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर के भारतीय समुदायों में विशेष आनंद और उत्सव के साथ मनाया जाता है। "दीपावली" शब्द का अर्थ होता है "दीपों की श्रृंखला" यह शब्द बना है "दीप" और "आवली" को जोड़ कर जिन्हें संस्कृत भाषा के शब्दों से लिया गया है। दीपावली को दिवाली या दीवाली भी कहा जाता है। यह त्योहार हर घर में खुशिया लाता है और इस दिन हर घर में भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। यूँ तो दीवाली एक पांच दिनों का त्यौहार है जहां हर एक दिन का एक अलग महत्व है लेकिन आमतौर पर 2 दिन सबसे खास होते हैं - छोटी दिवाली और दिवाली। आमतौर पर दिवाली का त्यौहार अक्टूबर के मध्य से नवंबर के मध्य में पड़ता है। दीपावली कार्तिक माह के पंद्रहवें दिन अमावस्या को मनाई जाती है। दिवाली के त्यौहार में घरों को साफ किया जाता है और घर के हर कोने में दीपक, फूलों और रंगीन रंगोलियों से सजाया जाता है। लोग उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। दिवाली की रात यानि इस पूरे त्यौहार के मुख्या शाम को लोग धन और समृद्धि के देवी-देवता, लक्ष्मी मान और भगवान गणेश की विशेष पूजा करते है। इस दिन लोग घरों में रंगीन मिट्टी के दीये जलाते हैं, जो प्रकाश और आशा की विजय का सन्देश देते हैं। यूँ तो कई दसकों से दिवाली को पटाखे और आतिशबाजियों से मनाया जाने लगा हैं लेकिन 21वीं सदी में उनके पर्यावरण और स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं। इसलिए हमें अपने पर्यावरण का ध्यान रखते हुए दिवलो को प्रेम भवन से मनाना चाहिए।

दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Diwali in 200 words in Hindi)

दीपावली पर निबंध 500 शब्दों में (essay on dipawali in 500 words in hindi), दीपावली पर निबंध 500 शब्दों में (essay on diwali in 500 words in hindi) - प्रस्तावना.

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दिवाली पर निबंध 500 शब्दों में (Essay on Diwali in 500 Words in Hindi) - महत्वपूर्ण बिंदु

दिवाली पर निबंध 1000 शब्दों में (essay on diwali in 1000 words in hindi).

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, पूरे भारत में मनाया जाने वाला त्योहार है। यह एक खास भारतीय त्योहार है जो दिखाता है कि कैसे अच्छाई बुराई पर विजय पाती है। भारत में लोग दिवाली को बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं। यह त्योहार खुशी, एकजुटता और सफलता का प्रतिनिधित्व करता है। दिवाली भारत में प्राचीन काल से मनाई जाती रही है। यह अंधकार पर प्रकाश की जीत का जश्न मनाने का दिन है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह वह दिन था जब भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद अपने राज्य अयोध्या वापस लौटे थे। वे राक्षस रावण का वध करके और सीता को उसके चंगुल से मुक्त करके विजयी होकर अयोध्या लौटे थे। उस दिन से दीवाली का त्यौहर बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। दिवाली का दिन यह भी याद करता है कि भगवान राम अपने वनवास से कब लौटे थे, जो महाकाव्य रामायण में एक कहानी है। "दिवाली" शब्द संस्कृत शब्द "दीपावली" से आया है, जिसका अर्थ है रोशनी की एक पंक्ति। दिवाली के दौरान, लोग अपने घरों और कार्यालयों के चारों ओर आमतौर पर मिट्टी से बने दीपक जलाते हैं। यह अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। आमतौर पर, दिवाली अक्टूबर या नवंबर में आती है, दशहरा के लगभग 20 दिन बाद, कार्तिक नामक हिंदू महीने के बाद दीपावली आती है। यह एक ऐसा उत्सव है जिसका भारतीय बहुत उत्साह के साथ आनंद लेते हैं। यह त्यौहार खुशी, शांति और सफलता के बारे में है। यह रामायण की कहानी में बताए गए वनवास के बाद भगवान राम की घर वापसी का भी प्रतीक है। यह धार्मिक उत्सव बुराई पर अच्छाई की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। पूरे भारत में लोग मिट्टी के तेल के दीये जलाकर और अपने घरों को रंग-बिरंगी और विभिन्न आकार की लाइटों से सजाकर दिवाली मनाते हैं। ये चमकदार लाइटें भारत की सड़कों को एक खूबसूरत और मनमोहक नज़ारा बना देती हैं। दिवाली के इस खास त्यौहार का हिंदू धर्म के लोग बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं । यह सबसे महत्वपूर्ण और पसंदीदा त्यौहार है।

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दिपावली क्यों मनाई जाती हैं?

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  • दिवाली या दीपावली एक भारतीय धार्मिक त्योहार है।
  • यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिक है.
  • दुनिया भर में लोग अलग-अलग कारणों और अवसरों पर दिवाली मनाते हैं।
  • दीये, मोमबत्तियाँ जलाना और पटाखे फोड़ना दिवाली उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • दिवाली या शुभ दीपावली न केवल हिंदू समुदाय के बीच बल्कि अन्य धर्मों के लोगों द्वारा भी मनाई जाती है।
  • दिवाली आमतौर पर पांच दिवसीय त्योहार है और इस दौरान भारत में हर साल सोने और नए कपड़ों की बिक्री आसमान छूती है।
  • हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली कार्तिक माह के 15वें दिन मनाई जाती है।
  • अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर महीने में मनाया जाता है।
  • आमतौर पर, दिवाली उत्सव के रूप में स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों के लिए 3 से 4 दिनों की छुट्टियों की घोषणा की जाती है।
  • इस अवसर पर देश भर से परिवार और मित्र एकत्रित होते हैं और आनंदमय समय एक साथ बिताते हैं।

diwali ke bare mein

हिंदी में दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दिवाली के साथ मनाए जाने वाले अन्य त्यौहार

  • दिवाली लगभग 5 दिनों का त्यौहार है, दिवाली से एक दिन पहले लोग धातु की वस्तुएं (सोना, चांदी, पीतल आदि) की खरीदारी करके धनतेरस का त्यौहार मनाते हैं।
  • दिवाली के अगले दिन को लोग छोटी दीपावली के रूप में भी मनाते हैं।
  • दीपावली के तीसरे दिन देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • इसके बाद, दीपावली से ठीक चौथे दिन पर गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने इंद्रदेव के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया था।
  • दीपावली के पांचवे दिन आखिरी पर्व को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है।

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दीपावली के बारे में 10 पंक्तियाँ कैसे लिखें?

दिवाली का पूरा कैलेंडर यहां दिया गया है- 

शुभ दीपावली का उत्सव कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है और ज्योतिष शाश्त्र के अनुसार इस वर्ष दिवाली 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। 

दीपावली को लेकर कई किस्से हैं लेकिन, हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान राम, रावण को मारकर और 14 वर्षों का वनवास काटकर अयोध्या नगरी वापस लौटे थे, उनके आने की खुशी में अयोध्या वासियों ने घी के दीप जलाए व जश्न मनाया था और तब से भारत में दिवाली की शुरुआत हुई।

दिवाली को दीपावली भी कहा जाता है और इसके पीछे कारण यह है कि दीपावली संस्कृत शब्द से लिया गया है, जिसका का अर्थ होता है- दीप + आवलिः (कतार में रखे हुए दिप)।

प्राचीनकाल में दिवाली को दीपोत्सव के नाम से जाना जाता था, जिसका अर्थ है दीपों का उत्सव होता है। 

प्राचीन काल से दिवाली को विक्रम संवत के कार्तिक माह में मनाया जा रहा है। पद्म पुराण और स्कन्द पुराण में दिवाली का उल्लेख मिलता है। दिये को स्कन्द पुराण में सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला माना गया है, जो जीवन के लिए प्रकाश और ऊर्जा का लौकिक दाता भी है।

उत्तर भारत में लोग मिट्टी के दीयों को जलाकर रावण को हराने के बाद श्री राम की अयोध्या वापसी का जश्न मनाते हैं, जबकि दक्षिणी भारत इसे उस दिन के रूप में मनाता है जब भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को हराया था।

दिवाली पर निबंध हिंदी में लिखकर नमूना के साथ यहां विस्तार में बताया गया है। इच्छुक इस लेख में दिए गए बिंदुओं से अपने लिए बेहतरीन हिंदी में दीपावली पर निबंध तैयार कर सकते हैं। 

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